कांग्रेस के टिकट की सूची पर राहू-केतू की छाया

कांग्रेस के टिकट की सूची पर राहू-केतू की छाया

कांग्रेस के टिकट की सूची पर राहू-केतू की छाया: सुधांशु त्रिवेदी
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पायलट ने गहलोत को बना दिया है निरीह निवेदनकर्ता
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जयपुर, 14 नवम्बर। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा कि कंाग्रेस पार्टी में टिकट का मामला दावेदारी और दावेदारी की हिस्सेदारी में उलझा हुआ है। जबकि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव व प्रदेश कांग्रेस घोषणा पत्र समिति के प्रमुख हरीश चौधरी सहित कई नेताओं ने टिकट की घोषणा हुए बिना ही नामांकन दाखिल करके राष्ट्रीय नेतृत्व को चुनौती दे दी है। इस विषय में अशोक गहलोत कहते है कि हरीश चौधरी ने मुहूर्त के कारण नामांकन पत्र दाखिल किया है तो गहलोत यह भी स्पष्ट करें कि कांग्रेस के प्रत्याशियों की सूची जारी करने का मुहूर्त कब है। क्या कांग्रेस के टिकट की सूची पर राहू और केतू की छाया पड़ी हुई है इसलिए उनका अभी तक मुहूर्त नहीं निकल पाया।

अशोक गहलोत और सचिन पायलट की संयुक्त प्रेस काँफ्रेंस पर टिप्पणी करते हुए त्रिवेदी ने कहा कि पायलट राहुल गाँधी के आदेश और अशोक गहलोत के निवेदन को स्वीकार करके चुनाव लड़ने को तैयार हो गये है। इस प्रकार गहलोत एक निरीह निवेदनकर्ता बन गये है।

पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी यह समझती है कि विकास के मुद्दे पर भाजपा का मुकाबला नहीं किया जा सकता। इसलिए गहलोत ने एक बार पुनः राम मन्दिर मुद्दे को अपनी प्रेसवार्ता में उठाया है। त्रिवेदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस कांग्रेस पार्टी ने सन् 2007 में रामसेतु मामले पर न्यायालय मंे राम को काल्पनिक बताने का हलफनामा दिया, जो काम अंग्रेज व औरंगजेब भी नहीं कर पाये वह काम कांग्रेस ने किया। इसलिए कांग्रेस को राम मन्दिर पर बयान देने का कोई अधिकार नहीं है।

थरूर के बयान पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि 2300 वर्ष पहले चन्द्रगुप्त मौर्य विश्व के पहले व्यक्ति थे, जो राजपरिवार में पैदा नहीं होकर भी सम्राट बनें। अब कांग्रेस पार्टी को इस बात से समस्या है कि परिवार वाले के स्थान पर एक चाय वाला प्रधानमंत्री कैसे बन गया। भारत के राजनीतिक इतिहास में अटल बिहारी वाजपेयी और नरेन्द्र मोदी जन आकांक्षाओं एवं जनसमर्थन से बनने वाले प्रधानमंत्री है। नरेन्द्र मोदी भारत के ऐसे पहले प्रधानमंत्री है, जो जनसमर्थन के बलबूते पहली बार में पूर्ण बहुमत प्राप्त करके प्रधानमंत्री बने है। जबकि जवाहर लाल नेहरू, इन्दिरा गाँधी, राजीव गाँधी सहित अनेक कांग्रेसी नेता अनुकम्पा से ही प्रधानमंत्री बने है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से सम्बन्धित प्रश्न का जवाब देते हुए त्रिवेदी ने कहा कि संघ सामाजिक व सांस्कृतिक संगठन है। आज जवाहर लाल नेहरू का जन्मदिन है, नेहरू ने 1962 के चीन युद्ध के पश्चात् 26 जनवरी, 1963 को गणतन्त्र दिवस की परेड़ में संघ के स्वयंसेवकों को आमंत्रित किया था। अब राहुल गाँधी बतायें कि नेहरू सही थे अथवा आज की कांग्रेस। किन्तु कांग्रेस को इस विषय में मतिभ्रम और फोबिया है। जिस कांग्रेस पार्टी को जाकिर नाइक में शान्ति का ‘‘मसीहा’’ दिखता है, ओसामा में ‘‘जी’’ दिखता है तथा हाफिज सईद में ‘‘साहब’’ दिखता है, उसे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसे श्रेष्ठ देशभक्त संगठन में विघटक दिखायी दें, तो यह कांग्रेस की दृष्टि का ही दोष है।

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